प्यार में पड़ना बहुत ही खूबसूरत पल होता है लेकिन, क्या हो अगर आपका पार्टनर आपका दिल तोड़ दे? जब दिल तोड़ जाएँ तो कुछ भी अच्छा नहीं लगता।
प्रेमियों को समझ नही आता की वो अपने दर्द को कैसे बयां करें? ऐसे में वो शायरी का सहारा लेते है और इंटरनेट पर बेवफा शायरी (Bewafai Shayari in Hindi) ढूंढते रहते है।
हमने यहाँ पर सबसे बहेतरीन बेवफा शायरी आपके लिए शेयर किये है। आप अपने व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि सोशल मीडिया नेटवर्क के माध्यम से इस बेवफा शायरी के बारे में अपनी भावनाओं को अपने दोस्तों और अपने प्यार को व्यक्त कर सकते हैं।
Bewafai Shayari in Hindi | बेवफा शायरी
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी, बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी।
इस दुनिया में मोहब्बत काश न होती, तो सफर ऐ-ज़िन्दगी में मिठास न होती, अगर मिलती बेवफा को सजाए मौत, तो दीवानों की कब्रे यूँ उदास न होती।
मेरे कलम से लफ्ज़ खो गए सायद आज वो भी बेवफा हो गाए सायद जब नींद खुली तो पलकों में पानी था मेरे ख्वाब मुझपे रो गाए सायद
बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे-धीरे, एक शहर अब इनका भी होना चाहिए।
हमसे न करिये बातें यूँ बेरुखी से सनम, होने लगे हो कुछ-कुछ बेवफा से तुम।
वो मिली भी तो क्या मिली बन के बेवफा मिली, इतने तो मेरे गुनाह ना थे जितनी मुझे सजा मिली।
मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा जिन्हे दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा
कोई मिला ही नहीं जिसको वफा देते। हर एक ने दिल तोड़ा, किस-किस को सजा देते।
शायरी बेवफा इन हिंदी
उन्हें एहसास हुआ है इश्क़ का हमें रुलाने के बाद, अब हम पर प्यार आया है दूर चले जाने के बाद, क्या बताएं किस कदर बेवफ़ा है यह दुनिया, यहाँ लोग भूल जाते हैं किसी को दफनाने के बाद।
तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की, हम बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे।
जिनसे थे मेरे नैन मिले, बन गए थे ज़िन्दगी के सिलसिले। इतना प्यार करने के बाद भी, सनम मेरे बेवफा निकले।
भुला दूंगा तुम्हे भी थोड़ा सबर रखना तुम्हारी तरह बेवफा होने में थोडा वक्त लगेगा।
महफ़िल ना सही तन्हाई तो मिलती है, मिलें ना सही जुदाई तो मिलती है, प्यार में कुछ नहीं मिलता.. वफ़ा न सही बेवफाई तो मिलती है।
कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी, कि तुझे अलविदा भी ना कह सका, तेरी सादगी में इतना फरेब था, कि तुझे बेवफा भी न कह सका।
ऐ दोस्त कभी ज़िक्र-ए-जुदाई न करना, मेरे भरोसे को रुस्वा न करना, दिल में तेरे कोई और बस जाये तो बता देना, मेरे दिल में रहकर बेवफाई न करना।
अपने गुरूर को आजमाने की जिद थी वरना हमें मालूम था की तुम बेवफा हो जाओगे।
हसीनो ने हसीन बनकर गुनाह किया, औरों को तो क्या हमको भी तबाह किया, पेश किया जब ग़ज़लों में हमने उनकी बेवफ़ाई को, औरों ने तो क्या उन्होने भी वाह-वाह किया।
बहुत अजीब हैं ये मोहब्बत करने वाले, बेवफाई करो तो रोते हैं और वफा करो तो रुलाते हैं।
हमारे हर सवाल का सिर्फ एक ही जवाब आया, पैगाम जो पहूँचा हम तक बेवफा इल्जाम आया।
बहुत दर्द देती है, आज भी वो यादें। जिन यादों में तुम नजर आते हो।
तूने ही लगा दिया इलज़ाम-ए-बेवफाई, अदालत भी तेरी थी गवाह भी तू ही थी।
यूँ है सबकुछ मेरे पास बस दवा-ए-दिल नही, दूर वो मुझसे है पर मैं उस से नाराज नहीं, मालूम है अब भी मोहब्बत करता है वो मुझसे, वो थोड़ा सा जिद्दी है लेकिन बेवफा नहीं।
तुम समझ लेना बेवफा मुझको, मै तुम्हे मगरूर मान लूँगा ये वजह अच्छी होगी , एक दूसरे को भूल जाने के लिये
उसे बेवफा कहेंगे तो, अपनी ही नजर में गिर जाएंगे हम। वो प्यार भी अपना था और, वो पसंद भी अपनी थी।
सीख कर गया है वो मोहब्बत मुझसे, जिस से भी करेगा बेमिसाल करेगा।
Bewafai Shayari in Hindi
कहाँ से लाऊं वो शब्द जो तेरी तारीफ के क़ाबिल हो, कहाँ से लाऊं वो चाँद जिसमें तेरी ख़ूबसूरती शामिल हो, ए मेरे बेवफा सनम एक बार बता दे मुझकों, कहाँ से लाऊं वो किस्मत जिसमें तू बस मुझे हांसिल हो।
फूलों के साथ काँटे नसीब होते हैं, ख़ुशी के साथ ग़म भी नसीब होता है, यूँ तो मजबूरी ले डूबती हर आशिक को, वरना खुशी से बेवफ़ा कौन होता है।
यू तो कोई तन्हा नहीं होता, चाह कर किसी से जुदा नहीं होता, मोहब्बत को मजबूरियां ले डूबती है, वरना ख़ुशी से कोई बे वफ़ा नहीं होता।
इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत की, कुछ ज़माना खिलाफ हुआ कुछ वो बेवफा हो गए।
मैंने प्यार किया बड़े होश के साथ, मैंने प्यार किया बड़े जोश के साथ, पर हम अब प्यार करेंगे बड़ी सोच के साथ, क्योंकि कल उसे देखा मैंने किसी और के साथ।
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा, दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है।
bewafa shayari in hindi
ज़िंदगी से बस यही एक गिला है, ख़ुशी के बाद न जाने क्यों गम मिला है, हमने तो की थी वफ़ा उनसे जी भर के.. पर नहीं जानते थे कि वफ़ा के बदले बेवफाई ही सिला है।
तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना, तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना, मेरी वफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना, मैं शौक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना।
इजाज़त हो तो तेरे चहेरे को देख लूँ जी भर के मुद्दतों से इन आँखों ने कोई बेवफा नहीं देखा।
ये बेवफा, वफा की कीमत क्या जाने ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने। जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर वो भला प्यार की कीमत क्या जाने।
चलो मान लेता हुँ के.. मुझे मोहब्बत करनी नहीं आती, लेकिन आप तो ये बताओ.. आप को दिल तोडना किसने सीखाया।
उन्हो ने अपने लबो से लगाया और छोड़ दिया, वे बोले इतना जहर काफी है तेरी कतरा कतरा मौत के लिए।
मेरी निगाहों में बहने वाला ये आवारा से अश्क पूछ रहे है पलकों से तेरी बेवफाई की वजह।
जिस किसीको भी चाहो वोह बेवफा हो जाता है, सर अगर झुकाओ तो सनम खुदा हो जाता है, जब तक काम आते रहो हमसफ़र कहलाते रहो, काम निकल जाने पर हमसफ़र कोई दूसरा हो जाता है…
याद रहेगा हमेशा यह दर्दे बेवफाई हमको भी, कि क्या खूब तरसे थे जिंदगी में, एक शख्स की खातिर।
बेवफा शायरी इन हिंदी
हर भूल तेरी माफ़ की तेरी हर खता को भुला दिया, गम है कि मेरे प्यार का तूने बेवफाई सिला दिया।
रुशवा क्यों करते हो तुम इश्क़ को, ए दुनिया वालो, मेहबूब तुम्हारा बेवफा है, तो इश्क़ का क्या गनाह।
इस दुनिया में अजनबी रहना ही ठीक है। कुछ लोग बहुत तकलीफ देते है, अक्सर अपना बनाकर।
मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है, और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको, हमारा ये पेघाम हैं.. वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो, वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो।
हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर, वो गुज़रते थे हमारा सलाम लेकर, कल वो कह गये भुला दो हुमको, हमने पुछा कैसे.. वो चले गये हाथो मे जाम देकर।
आप बेवफा होंगे सोचा ही नहीं था, आप भी कभी खफा होंगे सोचा नहीं था, जो गीत लिखे थे कभी प्यार में तेरे, वही गीत रुसवा होंगे सोचा ही नहीं था।
क्या जानो तुम बेवफाई की हद दोस्तों, वो हमसे इश्क सीखती रही किसी ओर के लिए।
झांखकर देखा होता एक बार तो डोली के अंदर, के हो गया हैं अब मेरी भी ज़िंदगी का पूरा सफर तेरे साथ साथ अब मेरी भी मंज़िल ख़त्म हो गयी बताने ना दिया तूने और कह दिया तू बेवफा हो गयी।
हाथ पकड़कर रोक लेते अगर, तुझ पर जरा भी जोर होता मेरा। ना रोते हम यूं तेरे लिए, अगर हमारी जिंदगी में, तेरे सिवा कोई और होता।
पहले इश्क फिर धोखा फिर बेवफ़ाई, बड़ी तरकीब से एक शख्स ने तबाह किया।
हमारी तबियत भी न जान सके हमे बेहाल देखकर, और हम कुछ न बता सके उन्हें खुशहाल देखकर।
वो मोहब्बत भी तेरी थी, वो नफ़रत भी तेरी थी, वो अपनाने और ठुकरानी की अदा भी तेरी थी, मे अपनी वफ़ा का इंसाफ़ किस से माँगता.. वो शहेर भी तेरा था, वो अदालत भी तेरी थी।
मैंने भी किसी से प्यार किया था उनकी रहो में इंतजार किया था हमें क्या पता वो भूल ज्यांगे हमें कसूर उनका नहीं मेरा ही था जो एक बेवफा से प्यार किया था !!
मेरी वफा के बदले बेवफाई न दिया कर, मेरी उम्मीद ठुकरा के इन्कार न किया कर, तेरी मोहब्बत में हम सब कुछ गँवा बैठे, जान भी चली जायेगी इम्तिहान न लिया कर।
मत रख हमसे वफा की उम्मीद ऐ सनम, हमने हर दम बेवफाई पायी है, मत ढूंढ हमारे जिस्म पे जख्म के निशान, हमने हर चोट दिल पे खायी है।
दिल दुखाने का काम छोड़ दो, मेरे नाम कोई तो पैगाम छोड़ दो, वफ़ा कर नहीं सकते तो ना ही सही, लेना महफिल में मेरा नाम छोड़ दो।
चलो छोड़ो ये बहस कि वफ़ा किसने की और बेवफा कौन है तुम तो ये बताओ कि आज ‘तन्हा’ कौन है !!
तेरी बेवफाई का काफिला मेरी शहर से यूं गुजरा, गुजर गई मेरी हस्ती, मिट गया पूरा शहर।
मुझे शिकवा नहीं कुछ बेवफ़ाई का तेरी हरगिज़, गिला तो तब हो अगर तूने किसी से निभाई हो।
तुम बदले तो मजबूरियाँ थी, हम बदले तो बेवफ़ा हो गए।
बेवफाई शायरी
हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमने, तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने, तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला, बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने।
मौसम भी इशारा करके बदलता है। लेकिन तुम अचानक से बदले हो, हमें यकीन नहीं आता।
Bewafai Shayari in Hindi
उसने जी भर के मुझको चाहा था, फ़िर हुआ यूँ के उसका जी भर गया।
तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी ! वरना हमको कहां तुम से शिकायत होगी ! ये तो बेवफ़ा लोगों की दुनिया है ! तुम अगर भूल भी जाओ जो रिवायत होगी !!
मत गिरा अपने झूठे इश्क के आसूं मेरी कबर पर। अगर तुझमे वफा होती तो, आज जिन्दगी हमसे यूँ खफा ना होती।
किसी का रूठ जाना और अचानक बेवफा होना, मोहब्बत में यही लम्हा क़यामत की निशानी है।
दुनियाँ को इसका चेहरा दिखाना पड़ा मुझे, पर्दा जो दरमियां था हटाना पड़ा मुझे, रुसवाईयों के खौफ से महफिल में आज, फिर इस बेवफा से हाथ मिलाना पड़ा मुझे।
किसी को इतना भी न चाहो कि भुला न सको क्योंकि ! ज़िंदगी इन्सान और_ मोहब्बत तीनों बेवफा हैं !!
है वो बेवफा तो क्या हुआ? मत कहो बुरा उसको। जो हुआ, सो हुआ। खुश रखे खुदा उसको।
उसकी बेवफाई पे भी फ़िदा होती है जान अपनी, अगर उस में वफ़ा होती तो क्या होता खुदा जाने।
लफ्ज़ वही हैं, माईने बदल गये हैं ! किरदार वही, अफ़साने बदल गये हैं ! उलझी ज़िन्दगी को सुलझाते सुलझाते ! ज़िन्दगी जीने के बहाने बदल गये हैं !!
बेवफा शायरी दो लाइन
आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए ! महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए ! करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो ! पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए !!
चलो छोड़ो ये बहस की वफा किसने की? और बेवफा कौन है? तुम तो ये बताओ कि, आज तन्हा कौन है?
बेवफा वक़्त था? तुम थे? या मुकद्दर था मेरा? बात इतनी ही है कि अंजाम जुदाई निकला।
सच का कोई मोल नहीं, झूठों का बाजार है। बेवफा तो हर मोड़ पे मिली। बस बोलती थी, हमको तो तुम्ही से प्यार है।
मजबूरी में जब कोई जुदा होता है, जरूरी नहीं कि वो बेवफा होता है, देकर वो आपकी आँखों में आँसू, अकेले में आपसे ज्यादा रोता है।
बदनाम क्यों करते हो, इश्क को दुनिया वालों। जब महबूब ही तुम्हारा बेवफा था।
दिल भी गुस्ताख हो चला था बहुत, शुक्र है कि यार ही बेवफा निकला।
दिल तो रोज कहता है, मुझे कोई सहारा चाहिए। फिर दिमाग कहता है, क्या धोखा दुबारा चाहिए?
न कोई मज़बूरी है न तो लाचारी है, बेवफाई उसकी पैदायशी बीमारी है।
किससे होकर खफा, किससे बेवफाई कर रहे हैं। दिल में अँधेरा लिए लोग, जमाने में रौशनी भर रहे हैं।
अगले बरसों की तरह होंगे करीने तेरे, किसे मालूम नहीं बारह महीने तेरे।
ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है, तू सितम कर ले तेरी हसरत जहाँ तक है वफ़ा की उम्मीद जिन्हें होगी उन्हें होगी, हमें तो देखना है तू बेवफ़ा कहाँ तक है।
मिल के नजर से नजर लूट लेंगे। ये बेवफा जलवे जिगर लूट लेंगे। हसीनों पे हरगिज भरोसा ना करना, खुद की कसम से ये घर के घर लूट लेंगे।
उस के यूँ तर्क-ए-मोहब्बत का सबब होगा कोई, जी नहीं मानता कि वो बेवफ़ा पहले से था।
ना वो सपना देखो जो टूट जाए। ना वो हाथ थामो जो छूट जाए। मत आने दो किसी को करीब इतना, कि उसके दूर जाने से इंसान खुद से रुठ जाए।
लग जाए जमाने की हवा जाने कब उसको, वो शख्स भी इंसान है कुछ कह नहीं सकते।
तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे। खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे। अगर दिल ने कहा तुम बेवफा हो, तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।
Bewafai Shayari in Hindi
बरसों गुजर गए हमने रो कर नहीं देखा, आँखों में नींद थी मगर सो कर नहीं देखा, वो क्या जाने दर्द-ए-मोहब्बत क्या है, जिसने कभी किसी का होकर नहीं देखा।
था कोई जो मेरे दिल को जख्म दे गया। जिंदगी भर रोने की कसम दे गया। लाखों फूलों में से एक फूल चुना था मैंने, जो काटों से भी गहरा जख्म दे गया।
हम से बिछड़ के फिर किसी के भी न हो सकोगे, तुम मिलोगे सब से मगर हमारी ही तलाश में।
न मैं शायर हूँ न मेरा शायरी से कोई वास्ता, बस शौक बन गया है तेरी बेवफाई बयाँ करना।
कौन करता था वफाओं के तकाजे तुमसे, हम तो बस तेरी झूठी तसल्ली के तलबगार थे।
कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो दोस्त, बेवफाई तो सबने की है मज़बूरी के नाम पर।
आपकी नशीली यादों में डूब कर, हमने इश्क की गहराई को समझा। आप तो दे रहे थे “धोखा” और हमने जान कर भी कभी, आपको बेवफा ना समझा।
मेरी तलाश का है जुर्म या मेरी वफा का क़सूर, जो दिल के करीब आया वही बेवफा निकला।
बेवफा तेरा मासूम चेहरा, भूल जाने के काबिल नहीं। है मगर तू बहुत खूबसूरत, पर दिल लगाने के काबिल नहीं है।
हमने उनको दिल दिया, हम दीवाने बन गए। दो लाइन शायरी क्या बोली, हम शायर बन गए। अरे धोखा दिया उन्होंने, और धोखेबाज हम बन गए।
मोहब्बत से भरी कोई ग़ज़ल उसे पसंद नहीं, बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते हैं।
बेवजह बेवफाओं को याद किया है, गलत लोगों पर बहुत वक्त बर्बाद किया है।
तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी, वरना हमको कहाँ तुम से शिकायत होगी, ये तो वही बेवफ़ा लोगों की दुनिया है, तुम भूल भी जाओगे तो रिवायत होगी।
अच्छा होता जो उनसे प्यार न हुआ होता, चैन से रहते हम जो दीदार न हुआ होता, पहुँच चुके होते हम अपनी मंज़िल पर, अगर एक बेवफा पर ऐतबार न हुआ होता।
हमने यहाँ पर सबसे बेहतरीन बेवफा शायरी शेयर किये है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारा यह कलेक्शन पसंद आया होगा। आप उसे सोशल मीडिया पर शेयर करें और अपनी भावनाओं को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें। हमारा यह कलेक्शन आपको कैसा लगा यह हमें कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।