बीते कुछ दिनों से हिंदूवादी संगठन बजरंग दल काफी चर्चाओं में है। दरअसल साल 2023 कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कुछ दिन पहले भाजपा ने घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें उन्होंने वादा किया कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो वे इस धार्मिक संगठन पर रोक लगाएगी।
इसके बाद भाजपा ने हिंदू वोट बैंक को एकजुट बनाने की कोशिश में इस विषय को एक गंभीर मुद्दे के रूप में लेते हुए कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। तभी से ही बजरंग दल काफी ज्यादा चर्चा का विषय बन चुका है।
ऐसे में बहुत से लोगों का प्रश्न है कि आखिर बजरंग दल क्या है। अगर आप भी बजरंग दल के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।
क्योंकि इस लेख में बजरंग दल क्या है, बजरंग दल की स्थापना कैसे हुई, बजरंग दल का इतिहास (Bajrang Dal History in Hindi) इसके उद्देश्य क्या है, इससे जुड़े कौन-कौन से विवाद है इसके साथ ही यह भी बताया है कि आखिर कांग्रेस क्यों हमेशा बजरंग दल के खिलाफ रहती हैं।
बजरंग दल क्या है?
बजरंग दल एक मजबूत धार्मिक संगठन है, जो देश भर में हिंदू सभ्यता और संस्कृति को प्रचारित और प्रसारित करते हैं। यह संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का ही एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
बजरंग दल देशभर में मुस्लिम जनसंख्या विकास, साम्यवाद, ईसाई पंथ परिवर्तन जैसे कई सामाजिक कार्यों पर ध्यान देते आ रहा है।
इसके अतिरिक्त आपातकाल में भी यह विशेष सेवा देने के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। जीवों पर यह विशेष ध्यान रखती है।
गाय के वध को रोकने के लिए इन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। “सेवा, सुरक्षा और संस्कृति” इस संगठन का नारा है।
बजरंग दल की स्थापना किसने की थी?
बजरंग दल के संस्थापक विनय कटियार हैं। यह हिंदू जागरण मंच के संस्थापक भी हैं।
इनका जन्म 11 नवंबर 1954 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। 1970 में ABVP और RSS से जुड़े। 1980 में यह आरएसएस के प्रचारक भी बने थे।
जय प्रकाश नयारण के बिहार आंदोलन के संयोजक भी रह चुके हैं। 1984 में इन्हें बजरंग दल के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
बजरंग दल का इतिहास (Bajrang Dal History in Hindi)
बजरंग दल की स्थापना 8 अक्टूबर 1984 में हुई थी। हालांकि उस समय यह एक शोभायात्रा के रूप में शुरू हुई थी।
दरअसल आज से 40 साल पहले सनातनी संत ने देशभर के हिंदुओं को अयोध्या के राम जन्मभूमि पर